हनुमान चालीसा - 04
हनुमान चालीसा प्रवचन के चौथे दिन पूज्य गुरूजी स्वामी आत्मानंदजी महाराज ने दूसरे दोहे पर व्याख्या प्रारम्भ करी। ज्ञान की प्राप्ति केवल उसी को होती है जो विनम्र और जिज्ञासु होता है। इसलिए गोस्वामीजी कहते हैं की 'बुद्धिहीन तनु जानिके', भगवन हमें तो आप अज्ञानी ही समझिये और कृपया करके प्रारम्भ से ही प्रारम्भ करें।