हनुमान चालीसा - 05

हनुमान चालीसा प्रवचन के पांचवे दिन पूज्य गुरूजी श्री स्वामी आत्मानंदजी महाराज ने दूसरे दोहे पर आगे चिंतन प्रारम्भ किया। गोस्वामीजी ने यह प्रार्थना अत्यंत विनम्रता से प्रारम्भ करी, और फिर कहते हैं की 'प्रभु हमें तो केवल और अधिक बल, बुद्धि और विद्या प्राप्त करने का आशीर्वाद दीजिये'। यहाँ यह दृष्टव्य है की भक्त भगवान् से किसी भी प्रकार की लौकिक वस्तु या सिद्धि की प्रार्थना नहीं कर रहा है, वो तो अपने अंदर और सामर्थ्य का निवेदन कर रहा है।

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Talks by Swami Atmananda Saraswati, of Vedanta Ashram, Indore (India) on Hindu scriptures - in Hindi.