हनुमान चालीसा - 13
हनुमान चालीसा की इस अत्यंत सुन्दर आठवीं चौपाई में हनुमान जी कुछ रुचियाँ और सामर्थ्य बताते हैं। एक सबसे महत्वपूर्ण है की वे रामजी के चरित्र को सुनने के रसिया हैं। जिस चीज़ का जो रसिया होता है उसमे कभी उकताता नहीं है, कभी थकता नहीं है। बल्कि वह उसमे रमते हुए अपने सब तनाव और चिन्ताएं भी भूल सा जाता है। हम जिसमे भी रमते हैं वैसे ही बनने भी लगते हैं। जो भक्त राम जी के चरित्र सुनने का रसिया हो जाता है। उनके ज्ञान की सबसे बड़ी महिमा वह होती है की वे रामजी, लक्ष्मणजी और सीताजी के मन में बस गए थे। ऐसे महान लोगों के मन में बस पाना बहुत ही बड़ी बात होती है। ऐसे थे हमारे बजरंगबली हनुमानजी महाराज।