हनुमान चालीसा - 15

हनुमान चालीसा की इस दसवीं चौपाई में हनुमान जी उसी गुण की चर्चा यहाँ पर भी हो रही है जो पिछली चौपाई में प्रारम्भ करी गयी थी - अर्थात किसी भी परिस्थिति में पूर्णतः ढल के राम जी के कार्य के लिए उपस्थित होना। जरूरत पड़ने पर कहीं छोटा रूप, कभी विकट रूप और अब कह रहे हैं की भीम रूप - अन्यन्त बलवान रूप, धारण करके आपने असुरों का संहार कर दिया था। उन्हें कोई भी रूप धारण करने में कोई समस्या नहीं होती है, क्यूंकि प्रश्न कभी भी उनकी अपनी इज्जत, प्रतिष्ठा और लाभ आदि का नहीं होता है, बल्कि केवल और केवल रामजी के कार्य को सफल करने का रहता है। इस प्रसंग को निमित्त बनाकर पूज्य स्वामीजी ने कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण आध्यात्मिक रहस्य भी बताये।

Om Podcasten

Talks by Swami Atmananda Saraswati, of Vedanta Ashram, Indore (India) on Hindu scriptures - in Hindi.