हनुमान चालीसा - 20

हनुमान चालीसा के आज २०वें प्रवचन में पूज्य गुरूजी स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने १६वीं चौपाई पर प्रकाश डाला। इस चौपाई में हनुमानजी के परं मित्र एवं किष्किंधा के राजा सुग्रीव के प्रति उनकी अद्धभुत सेवा और योगदान की चर्चा करी गयी है। पूर्व में सुग्रीव अपने बड़े भाई वाली के साथ किष्किंधा का राज्य बहुत ही सुचारु रूप से चला रहे थे, लेकिन कर्मों का कुछ ऐसा घटनाक्रम चलता है की किसी विशेष आपदकाल में वाली के आभाव में सुग्रीव को किष्किंधा का राज्य ग्रहण करना पड़ा, लेकिन वाली फिर वापस आ गया और सुग्रीव को किष्किंधा से भागना पड़ा। हनुमानजी की निति, विवेक और योजना से सुग्रीव को रामजी से मिला दिया और अंततः उन्हें अपना राज्य वापस मिल गया और वाली से भी मुक्ति मिल गयी। सुग्रीव इस अकल्पनीय एवं अद्धभुत योगदान के लिए हनुमानजी के सदैव ऋणि रहे।

Om Podcasten

Talks by Swami Atmananda Saraswati, of Vedanta Ashram, Indore (India) on Hindu scriptures - in Hindi.